Mujhe koi khalal nahi

मेरी मुश्किलों का कोई हल नहीं,
वो मुझे मिल जाए मैं इतना सफल नहीं,

चल पड़े इश्क़ की राह में जो सफल नहीं.
मैं हो था वहीं हूं मुझ में कोई बदल नहीं,

मैंने देखा है तेरी आंखो में मोहब्बत की कोई पहल नहीं,
बिन तेरे मुझमें अब कोई चहल नहीं,

तू चाहे या ना चाहे मुझे कोई खलल नहीं,
हर कोई मुझे समझे मैं इतना भी सहल नहीं..!

Ammara Khan By : Ammara Khan

Dard Shayari Views - 331 16th Jan 2022

Usse vo pehli dafa nazren takrana

उससे वो पहली दफा नज़रे टकराना,
उसे देख युं मेरा शर्माना,

मैं उसके ख्यालों में कहीं खोने लगी थी,
उसकी ख्वाइशों में मैं अब जीने लगी थी,

मेरा उसे युं मुड़ मुड़ के देखना,
उसकी हर बात पर मेरा मुस्कुराना,

कॉफी डिनर नहीं, उससे चाय के लिए पूछने लगी थी,
पूछा उसने इरादा हमारा, दिल की धड़कन बढ़ने लगी थी,

बताया जब हमने हाल - ए - दिल हमारा,
उन्होंने काफी वक़्त तक था हमें तड़पाया,

उसके इंतज़ार में आँखे नम होने लगी थी,
सुन जवाब उनका मैं खुद पे ग़ुरूर करने लगी थी..!

Heena dangi By : Heena dangi

Ishq Shayari Views - 504 10th Jan 2022

Khvaahishen bachpan cheen leti hain

हज़रों ख्वाहिश थी दिल में जब में छोटा बच्चा था,
तंदुरुस्ती थी हर जिस्म में सब कुछ बेहद अच्छा था,
 
स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद सोचा  गांव से बाहर
जाकर अपने मां बाप की ख्वाहिशों को पूरा करूंगा,
तो चल पड़ा में अपना बोरिया बिस्तर बांध कर एक
अंजान से शहर में जहां दूर दूर तक कोई अपना न था,
मां बाप की याद बेहद सताने लगी,
ठंडी रातों में खून के आंसू रुलाने लगी,
 
फिर वक्त गुज़रा, अंजान शहर में दिल लगा ही था कि
मां का फोन आया और बोली, तुम्हारे बाबा की तबियत
ठीक नही है, आखरी सांसे चल रही हैं,
 
मेरे पैरो तले जैसे ज़मीन खिसक गई हो,
फिर आंखो में आंसू लिए और दिल में अपनी
सारी ख्वाहिशों को दबा कर चला आया अपने बाप को
आखरी विदाई देने,
ख्वाहिशें हमसे हमारा बचपन, जवानी, और हमारे जीने का सहारा छीन लेती है..!

Hayat Ansari By : Hayat Ansari

Nazm Shayari Views - 481 10th Jan 2022

Khvaahisho ko dil me dafnaya hai

एक अजीब सा सन्नाटा छाया है
ख़ुद की परछाई ने हमें डराया,

एक अजीब सा सन्नाटा छाया है,
यहां अपना भी हुआ पराया है,

एक अजीब सा सन्नाटा छाया है,
खो गई खुशियां बस गम हाथ आया है,

एक अजीब सा सन्नाटा छाया है,
इस दिल को वीराना पाया है,

एक अजीब सा सन्नाटा छाया है,
जबसे ख्वाहिशों को दिल में दफनाया है..!

Ammara Khan By : Ammara Khan

Dard Shayari Views - 347 10th Jan 2022

Khvaahish karta hai

सुबह शाम दिल बस यही ख्वाहिश करता है,
किसी भी तरह खुद को पाने की साज़िश करता है,

कोई ऐसा दिल ले आओ, जो कभी टूटा ना हो,
अजीब शख़्स, अजीब फरमाइश करता है,

वो मेरे पास होकर भी किसी और का होता है,
कुछ इस तरह से वो मेरी आजमाइश करता है,

लोग उसे कहते हैं,कितना खुश रहता है ये शख़्स,
और वो गम छुपा कर, खुशियों की नुमाइश करता है..!

Rushda Sadaf By : Rushda Sadaf

Mohabbat Shayari Views - 301 9th Jan 2022
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