Kaun sa zamana tha

मैंने बुलाना, उसने एक बार में आ जाना था,
न जाने कौन सा दौर, कौन सा ज़माना था,
 
मैं इसलिए भी जल्दी सोता हूं ख़बरें नहीं सुनता,
जैसा भी कल गुज़रा है अख़बार में आ जाना था,
 
गर चे बोली लगती जिस्म की खुल्लम खुल्ला,
तो इश्क़ भी सरे आम बाज़ार में आ जाना था,
 
तू मसीहा होता, मुझ बीमार का तो फिर सुन,
एक अजब लुत्फ़ तेरी चुमकार में आ जाना था,
 
"जामी" अब तक बड़ा कोई काम किया तो होता,
तुम्हारा नाम किसी दिन समाचार में आ जाना था,

Jami Ansari By : Jami Ansari

Zindagi Shayari Views - 949 28th Nov 2023

Usne pucha liya

उसने गर पूछ लिया कैसे हो,
तो क्या जवाब दूंगा मै सोचता हूं,

की जैसा बिछड़ते वक्त था,
उससे भी बदतर हालत रखता हूं,

तुझे याद करता हूं,
और हर सांस के साथ करता हूं,

शायर तो नहीं हुआ हूं,
पर गजलें नज़्में बेहिसाब लिखता हूं,

पहले रखता था दिल भी,
अब तो मुस्कुराहट भी झूठी रखता हूं,

खैर खबर ना पूछ मेरी,
बस तू खुश रहे ये दुआ करता हूं,

पहले जैसा बस इतना है.
के तुझ पर आज भी मरता हूं..!

Prathmesh Tulankar By : Prathmesh Tulankar

Dard Shayari Views - 559 24th Jul 2023

Shayari Likhi Hai

तुम्हारी हर एक वो यादें,
तुम्हारी हर एक वो बातें,

तुम्हारी हर एक वो अदाएं,
मैने अपनी शायरी में लिखी है,

लोगो ने देखा नहीं है तुम्हें,
फिर भी वो एक बात कहते है,

कमाल कि होगी तुम्हारी मोहब्बत जिसके,
लिये तूने यें शायरी लिखी है..!

Prathmesh Tulankar By : Prathmesh Tulankar

Romantic Shayari Views - 285 12th Jul 2023

Bachpan Ka Zamana

बैठे बैठे कभी ये खयाल मन में आ जाना,
याद आता है वो बचपन का बेफिक्र ज़माना,

मैदान में खेलना और घर को भूल जाना,
दोस्तों से झगड़ना पलभर में मान जाना,

बारिश में भीगने के कई बहाने बनाना,
बहते पानी में काग़ज़ की कश्ती चलाना । 

जहां दौड़ते भागते त्योहारों को मानते वो गलियां,
कुछ पैसे देकर पापा ने हमारे चेहरे पर मुस्कान लाना,

सोफ़े पर सोना सुबह ख़ुद को बिस्तर में पाना,
स्कूल न जाने के कितने ही बहाने बनाना,

पापा की डाँट पर अचानक सहम जाना,
भागकर मम्मी से फिर गले लग जाना,

दादा-दादी नाना-नानी से हमेशा प्यार पाना,
भाई बहन से दुलार तो कभी उनको चिढ़ाना,

याद है लेकिन अब नहीं आएगा वो ज़माना,
बचपन जिसमें बड़े होने का सपना सजाना..!

Prathmesh Tulankar By : Prathmesh Tulankar

Bachpan Shayari Views - 217 28th Jun 2023

Chai se mohabbat hai

तुम्हारी की हुई अनबन से मोहब्बत है,
पांव में पायल की छन छन से मोहब्बत है,

काला रंग पसंदीदा और फिर काला तिल,
बस इसलिए तुम्हारी गर्दन से मोहब्बत है,

बिंदी से, झुमकों से, गजरे, आंख के काजल से,
खन खनाते हाथों के कंगन से मोहब्बत है,

चाय से मोहब्बत की कोई उम्र नहीं है दोस्त,
उबलती हुई चाय से, बचपन से मोहब्बत है,

तस्वीर तुम्हारी, दीवारें, उतार लेती हैं अक्सर,
दीवारों पर पड़ी हुई, सीलन से मोहब्बत है,

"जामी", अच्छे और बुरे, उठा पटक से भरे हुए,
संग तुम्हारे बिताए हुए, जीवन से मोहब्बत है...!

Jami Ansari By : Jami Ansari

Mohabbat Shayari Views - 605 21st Nov 2022
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