Wo adab Jo Hamein

वो अदब जो हमें आपकी सोहबत से मिला है,
ये ज़रूर मेरी किसी नेकी का सिला है,

लोग सिर्फ फूलों के दीवाने होते हैं,
कांटों को फूलों से बस यही गिला है,

रिश्ते छोड़ कर लोग दौलत कमाने में लग गए,
ये सब ज़माने की तरक्की का सिला है,

बस एक तलाश में हम पूरी दुनिया देख आए,
लेकिन आज तक ना कोई हमें, हम सा मिला है..!

Rushda Sadaf By : Rushda Sadaf

Zindagi Shayari Views - 608 27th Feb 2022

Koi aur thikhana na mila

बिछड़ कर तुझसे हमें,
कोई और ठिकाना ना मिला,

मैं बनाऊं फिर से मोहब्बत का फ़साना,
मुझे ऐसा कोई बहाना ना मिला,

जो मिला मुझ को तू जाना,
मुझे ज़माने में ऐसा कोई दीवाना ना मिला..!

Ammara Khan By : Ammara Khan

Dard Shayari Views - 378 25th Feb 2022

Aainaa Aukaat ka

मज़हबों के नाम पर भरा हुआ,
जहालियाती का बाज़ार नहीं देखते,

जिसकी शक्लो सूरत हो अच्छी,
लोग उसका किरदार नहीं देखते,

वही दिखाते है आईना औकात का,
जो अपनी हालत का सुधार नहीं देखते,

जिन्हें लगाव होता है अपने अपनों से,
ऐसे अपनों में कोई दरार नहीं देखते,

जिन्हें जुनून होता है कुछ कर दिखाने का,
ऐसे जज़्बो में कोई हार नहीं देखते,

जो रिश्ता निभाया जाए "अम्मारा" मतलब के लिए,
ऐसे रिश्तों में कोई प्यार नहीं देखते..!

Ammara Khan By : Ammara Khan

Paigaam Shayari Views - 371 15th Feb 2022

sach ko sach kehna chhod dete hain

दिल को टूटा हुआ खिलौना समझ कर छोड़ देते है,
यहां अपने ही अपनों को रोता छोड़ देते है,

बड़े ही ख़ुदग़र्ज़ है लोग यहां,
चन्द सिक्को के खातिर गरीबों को बिलकता छोड़ देते है,

ये कैसा रंग बदल रहा है ज़माने का,
यहां अपने से कमज़ोरो को बिखरता छोड़ देते है,

कितने कमज़र्फ हो गए है लोग यहां,
यहां मजबूरो को तड़पता छोड़ देते है,

ताज्जुब ही ताज्जुब है इस दौरे सियासत में,
यहां रियासत को अपनी तरसता छोड़ देते है,

यहां छाया हुआ है असल में मौसम शौहरत का,
बिक जाए अगर इंसान तो सच को सच कहना छोड़ देते है..!

Ammara Khan By : Ammara Khan

Dard Shayari Views - 429 7th Feb 2022

Raat ki tanhaai mein

ज़िन्दगी यूं बसर हुई हमारी तन्हाई में,
कभी हम रहे भीड़ में, कभी रहे तन्हाई में,

हर वक़्त मुस्कुराते रहे हम लोगों के सामने,
आंख से आंसू निकले सिर्फ रात की तन्हाई में,

अभी तो बहुत मशरूफ हूं, ज़िन्दगी के जमेलों में,
खुद के लिए वक़्त निकालूंगा कभी शब-ए-तन्हाई में,

मजबूरी-ए-हयात का क्या कहना लोगों,
हम तन्हा ही ना हुए कभी तन्हाई में..!

Rushda Sadaf By : Rushda Sadaf

Tanhai Shayari Views - 384 1st Feb 2022
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