आज़ाद है हम
आज़ाद है हिन्दुस्तान हमारा,
फिर क्यूं करते है हम,
मज़हबों के नाम पर बटवारा,
हिन्दू, मुस्लिम, सिख,ईसाई ,
सब का था स्वतंत्रता का नारा,
आज भी क्यूं लड़ रहे है हम,
अपने अपने हक के लिए दोबारा,
क्यूं ना अपने दिलों से अन्धकार मिटाए
जलाएं प्रेम का दीप प्यारा,
सब मिलकर एक हो जाएं,
बन जाएं एक दूसरे का सहारा,
सब की मुश्किलों में काम आएं,
करें भेद,भाव से किनारा,
ये देश हमारा सब से न्यारा,
चाहे सुख शान्ति का गुज़ारा..!