दिल में होती रही इक कसक देखिए
रूह भी तो रही है सिसक देखिए
शांत तन और है जल उठा दिल मिरा
वक़्त और टीस की ये धधक देखिये
उसको जंजीर हो चाहे कंगन मिले
आप बस बेबसी की चनक देखिये
आपकों करना क्या, कब गया, क्यूं गया
बस हुजुर, आप बनती सड़क देखिये
ना दुपट्टा लूँगी, मेरा तन पाक है
वहशी आँखे हि है जब तलक, देखिये