उसे जैसा हमसफर चाहिए था,
मै वैसा बनना चाहता हु,
घर वालो की जिम्मेदारी उठा सकू,
वैसा बेटा बनना चाहता हु,
बहन से कभी प्यार से बात नही किया,
एक अच्छा भाई बनना चाहता हु,
दुनिया की नज़रों मे बुरा बन चुका हूं,
रब की नज़र मे अच्छा बनना चाहता हु...!
उसे जैसा हमसफर चाहिए था,
मै वैसा बनना चाहता हु,
घर वालो की जिम्मेदारी उठा सकू,
वैसा बेटा बनना चाहता हु,
बहन से कभी प्यार से बात नही किया,
एक अच्छा भाई बनना चाहता हु,
दुनिया की नज़रों मे बुरा बन चुका हूं,
रब की नज़र मे अच्छा बनना चाहता हु...!
By : Arman tarique
Har kareebi Inshaan se Door ho raha hu mai,
Adhi raat hai dard se ro raha hu mai,
Neend bhi uss waqt aati hai jab rab ke Aur kareeb Aa saku,
Wo rahmat se bhi door ho raha hu mai,
Bhot bada gunehgaar hu ahsaas hai mujhe,
Pata nhi phir bhi Kyun Jahannami sa ho rha hu mai...
By : Arman tarique
गुज़रे हुए दिन,
गुज़री हुई रात,
गुज़रे हुए लम्हें,
गुज़री हुई बात,
गुज़रा हुआ वक़्त,
गुज़रा हुआ साथ,
गुज़री हुई ज़िन्दगी,
बेहद आती है याद..!
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