तेरे दिल में कितने ठिकाने हैं, बता तो सही,
मुझसे मिलने के कितने बहाने हैं , बता तो सही,
तेरी हंसी के पीछे आंखों में नमी देख लेते हैं,
तेरे दोस्त कितने पुराने हैं, बता तो सही,
हज़ार अफसाने मौजूद हैं नाकाम मुहब्बत के,
तुझे किस्से कितने सुनाने हैं, बता तो सही,
मैं तैयार करके आया हूं जिस्म व दिल को तेरे मुताबिक,
तुझे ज़ख्म कितने लगाने हैं, बता तो सही,
वैसे तो हर कोई दिखाई देता है अपना यहां,
तुझको गले से कितने लगाने हैं बता तो सही,
हर बार ही हार मिली है हमें रिश्तों को निभाने में,
हार के जस्न कितने मानने हैं, बता तो सही..!