वो जो हर शय में क़ादिर है,
मेरा रब मेरा शाहिद है,
वो जो दो जहाँनो का मालिक है,
मेरे हर ऐब पे वो नाज़िर है,
वो जो हर मख़लूक का ख़ालिक है,
मेरे हर राज़ उस पर ज़ाहिर है,
वो जो उम्मतीयों के लिए वाहिद है,
मेरी उम्मीदों के लिए वो शाहिर है..!
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वो जो हर शय में क़ादिर है,
मेरा रब मेरा शाहिद है,
वो जो दो जहाँनो का मालिक है,
मेरे हर ऐब पे वो नाज़िर है,
वो जो हर मख़लूक का ख़ालिक है,
मेरे हर राज़ उस पर ज़ाहिर है,
वो जो उम्मतीयों के लिए वाहिद है,
मेरी उम्मीदों के लिए वो शाहिर है..!
कुछ नये ख़्वाब हैं कुछ नयी ख्वाहिशें,
मेरी जिंदगी में है बेहद आजमाइशें,
ख़्वाब भी पूरे हो और नींद भी मुकम्मल हो जाए,
ए दिल कैसी हैं ये तेरी फरमाइशें,
जो भी मिलता है उसे सुना देता है तू अपनी दास्तां,
तेरे गमों की हैं ये अजब नुमाइशें..
मैं उसकी हर गलती को कुबूल कर लूं,
अब नहीं है बाक़ी मेरे दिल में ऐसी गुंजाइशें,
हर वक्त आ जाती है मेरे जहन में,
तेरी यादें भी है कितनी लावारिशें,
मैं सही होकर भी गलत ठहरा हूं,
ये सब हैं मेरे यार की साज़िशें..
ये हुस्न, दौलत को बस जानां,
बस इसी दुनिया की हैं आराइशें..!
क्यों ना ऐसा भी हो,
लौट कर यादें नहीं वक़्त आए,
वो महफ़िल, वो मेहरबाँ ,वो हमदर्द लाए,
वो रौनकें, वो आतिशें, वो तिशनगी लाए,
क्यों ना ऐसा भी हो,
लौट कर यादें नहीं वक़्त आए,
वो राहें, वो मंज़िलें, वो मक़सद लाए,
वो राहतें, वो चाहतें, वो शाहदतें लाए,
क्यों ना ऐसा भी हो लौट,
कर यादें नहीं वक़्त आए,
वो ख़्वाहिशें, वो राईशें, वो नवाज़िशें लाए,
वो शमाएं, वो फ़िज़ाएं, वो शौख हवाएं लाए,
क्यों ना ऐसा भी हो,
लौट कर यादें नहीं वक़्त आए..!
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