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Mera rab mera shahid hai

वो जो हर शय में क़ादिर है,
मेरा रब मेरा शाहिद है,

वो जो दो जहाँनो का मालिक है,
मेरे हर ऐब पे वो नाज़िर है,

वो जो हर मख़लूक का ख़ालिक है,
मेरे हर राज़ उस पर ज़ाहिर है,

वो जो उम्मतीयों के लिए वाहिद है,
मेरी उम्मीदों के लिए वो शाहिर है..!

Ammara Khan By : Ammara Khan

Paigaam Shayari Views - 284 28th Dec 2020
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Naarazgi chal rahi hai

सूखापन, सफेदी है हर तरफ, हरियाली से नाराज़गी चल रही है,
दुखों ने दबोच रखा है मुझे, खुशहाली से नाराज़गी चल रही है,
 
तेरी गली से जब भी देखूं, मुझको दखल देती है अक्सर,
घर की खिड़की में जो लगाई, उस जाली से नाराज़गी चल रही है,
 
खुशी का फूल कैसे खिलाऊं, मैं दिल को बाग कैसे बनाऊं,
जो है मेरा अपना माली, उस माली से नाराज़गी चल रही है,
 
परिंदे मुंडेरों पर आते नहीं है, पेड़ पर चेह- चहाते नहीं है,
उनकी शायद पेड़ की हर, डाली से नाराज़गी चल रही है,
 
कई दिनों से भूखा हूं फिर भी भूख मुझको लगती नहीं,
खाता था जिसमें खाना अक्सर, उस थाली से नाराज़गी चल रही है,
 
बचपन से अपनी जवानी तक, "जामी" सफ़र करने के बाद,
घर मेरा बन रहा है लेकिन, घरवाली से नाराज़गी चल रही है..!

Jami Ansari By : Jami Ansari

Tanhai Shayari Views - 775 27th Dec 2020
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Phool daal kar jana

नफरतों को दिलों से निकाल कर जाना,
मोहब्बतों को दिलों में पाल कर जाना,
 
बड़ा तकलीफ़ देह साबित हुआ है हर बार,
यूं तेरा मेरी बातों को उछाल कर जाना,
 
तुम किस तरह हसाओगे, मेरा साथ निभाओगे,
तुम्हारी तो आदत है वादे टाल कर जाना,
 
मेरे जनाज़े में शिरकत नहीं कर सके तो क्या,
क़ब्र पे आना तो फ़ूल डाल कर जाना,
 
हर बार चले जाते हो तो बुला लेता हूं "जामी",
अब के जाना तो ज़रा देख भाल कर जाना..!

Jami Ansari By : Jami Ansari

Paigaam Shayari Views - 499 24th Dec 2020
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Kuch naye khwab Hain Kuch nayi khwahishen

कुछ नये ख़्वाब हैं कुछ नयी ख्वाहिशें,
मेरी जिंदगी में है बेहद आजमाइशें,

ख़्वाब भी पूरे हो और नींद भी मुकम्मल हो जाए,
ए दिल कैसी हैं ये तेरी फरमाइशें,

जो भी मिलता है उसे सुना देता है तू अपनी दास्तां,
तेरे गमों की हैं ये अजब नुमाइशें..

मैं उसकी हर गलती को कुबूल कर लूं,
अब नहीं है बाक़ी मेरे दिल में ऐसी गुंजाइशें,

हर वक्त आ जाती है मेरे जहन में,
तेरी यादें  भी है कितनी लावारिशें,

मैं सही होकर भी गलत ठहरा हूं,
ये सब हैं मेरे यार की साज़िशें..

ये हुस्न, दौलत को बस जानां,
बस इसी दुनिया की हैं आराइशें..!

Rushda Sadaf By : Rushda Sadaf

Zindagi Shayari Views - 535 23rd Dec 2020
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Kyun na aisa bhi ho

क्यों ना ऐसा भी हो,
लौट कर यादें नहीं वक़्त आए,

वो महफ़िल, वो मेहरबाँ ,वो हमदर्द लाए,
वो रौनकें, वो आतिशें, वो तिशनगी लाए,

क्यों ना ऐसा भी हो,
लौट कर यादें नहीं वक़्त आए,

वो राहें, वो मंज़िलें, वो मक़सद लाए,
वो राहतें, वो चाहतें, वो शाहदतें लाए,

क्यों ना ऐसा भी हो लौट,
कर यादें नहीं वक़्त आए,

वो ख़्वाहिशें, वो राईशें, वो नवाज़िशें लाए,
वो शमाएं, वो फ़िज़ाएं, वो  शौख हवाएं लाए,

क्यों ना ऐसा भी हो,
लौट कर यादें नहीं वक़्त आए..!

Ammara Khan By : Ammara Khan

Hindi Poetry Views - 618 23rd Dec 2020
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