कुछ नये ख़्वाब हैं कुछ नयी ख्वाहिशें,
मेरी जिंदगी में है बेहद आजमाइशें,
ख़्वाब भी पूरे हो और नींद भी मुकम्मल हो जाए,
ए दिल कैसी हैं ये तेरी फरमाइशें,
जो भी मिलता है उसे सुना देता है तू अपनी दास्तां,
तेरे गमों की हैं ये अजब नुमाइशें..
मैं उसकी हर गलती को कुबूल कर लूं,
अब नहीं है बाक़ी मेरे दिल में ऐसी गुंजाइशें,
हर वक्त आ जाती है मेरे जहन में,
तेरी यादें भी है कितनी लावारिशें,
मैं सही होकर भी गलत ठहरा हूं,
ये सब हैं मेरे यार की साज़िशें..
ये हुस्न, दौलत को बस जानां,
बस इसी दुनिया की हैं आराइशें..!