नफरतों को दिलों से निकाल कर जाना,
मोहब्बतों को दिलों में पाल कर जाना,
बड़ा तकलीफ़ देह साबित हुआ है हर बार,
यूं तेरा मेरी बातों को उछाल कर जाना,
तुम किस तरह हसाओगे, मेरा साथ निभाओगे,
तुम्हारी तो आदत है वादे टाल कर जाना,
मेरे जनाज़े में शिरकत नहीं कर सके तो क्या,
क़ब्र पे आना तो फ़ूल डाल कर जाना,
हर बार चले जाते हो तो बुला लेता हूं "जामी",
अब के जाना तो ज़रा देख भाल कर जाना..!