वो जो हर शय में क़ादिर है,
मेरा रब मेरा शाहिद है,
वो जो दो जहाँनो का मालिक है,
मेरे हर ऐब पे वो नाज़िर है,
वो जो हर मख़लूक का ख़ालिक है,
मेरे हर राज़ उस पर ज़ाहिर है,
वो जो उम्मतीयों के लिए वाहिद है,
मेरी उम्मीदों के लिए वो शाहिर है..!
वो जो हर शय में क़ादिर है,
मेरा रब मेरा शाहिद है,
वो जो दो जहाँनो का मालिक है,
मेरे हर ऐब पे वो नाज़िर है,
वो जो हर मख़लूक का ख़ालिक है,
मेरे हर राज़ उस पर ज़ाहिर है,
वो जो उम्मतीयों के लिए वाहिद है,
मेरी उम्मीदों के लिए वो शाहिर है..!
© Copyright 2020-24 bepanaah.in All Rights Reserved