Zindagi December si kyu hai

चारों तरफ़ ये उदासी छाई क्यों है,
ये ज़िन्दगी, दिसंबर सी क्यों है? 

ये सर्द हवाएं,कपकपाते बदन,
उदास शाम और खाली आंखे,
जैसे ज़िन्दगी ठहरना चाहती हो,
कुछ कहना चाहती हो,
ज़िंदगी दिसंबर सी क्यों है?

आंखो से ख्वाबों को नोचना क्यों है,
सारी रात किसी की यादों में रोना क्यों है?
ज़िन्दगी उदास क्यों है?
ये ज़िन्दगी दिसंबर सी क्यों है?

सुबह-शाम बस तुम्हारी याद आए,
कोई नई राह नज़र ना आए,
सारे रास्ते बंद से क्यों है?
ये ज़िन्दगी दिसंबर सी क्यों है?

ये ज़िन्दगी भी दिसंबर की तरह एक दिन गुज़र ही जाएगी,
हां,लेकिन बहुत कुछ दे भी तो जाएगी,
ये उदासी , ये विरानी ये बेरंग शाम, क्यों है?
ये ज़िन्दगी दिसंबर सी क्यों है?

ज़िन्दगी दिसंबर सी क्यों है...?

Rushda Sadaf By : Rushda Sadaf

Zindagi Shayari Views - 375 6th Dec 2021

Sarhaden bhool gaye

वो मुहब्बत की सारी हदें भूल गए,
जब दिल मिल गए तो सारी सरहदें भूल गए,

कुछ इस तरह हुई हमपे खुशियों की बारिश,
हम गमों के सारे फसाने भूल गए,

क्या करना था, क्या कहने आए थे आपसे,
देखकर आपको हम सारी बातें भूल गए,

कुछ ऐसा सबक दिया मुहब्बत का उसने,
हम नफरतों की सारी कहानी भूल गए...!

Rushda Sadaf By : Rushda Sadaf

Mohabbat Shayari Views - 372 30th Nov 2021

Alvida kaise karen

तू बता इस दर्दे दिल की हम दवा कैसे करे,
तेरे बिना जीना नही तो अलविदा कैसे करे,

दिल में अब तेरे सिवा न और कोई आएगा,
अब होश में रहते हुए हम ये गुनाह कैसे करे,

कुछ नहीं तेरे बिना, है रूह तू इस जिस्म की,
अब रूह से इस जिस्म को हम जुदा कैसे करे,

अगर तू सामने होगा, ये आँसू रूक ना पाएंगे,
या खुदा हम आज तेरा सामने कैसे करे,

अब नहीं तेरे सिवा इस दिल को कोई आरज़ू,
अब ज़िंदगी को हम बसर तेरे बिना कैसे करे,

हर शख्स लेकर फ़िर रहा है संग तेरे नाम का,
एलान अपने इश्क़ का हम बरमाल कैसे करे,

अब तेरे आगोश में ही ज़िंदगी की शाम हो,
ए सहर तू ही बता ये मुक़तज़ा कैसे करे..!

Heena dangi By : Heena dangi

Judaii Poetry Views - 601 27th Nov 2021

Rulaya nahi karenge hum

खुद को इश्क़ कराया नहीं करेंगे हम,
ये ज़िन्दगी ज़ाया नहीं करेंगे हम,

उसको रूठने देंगे जी भर के,
और फिर मनाया नहीं करेंगे हम,

उसे हंसता हुआ देखा तो ठान लिया,
उसे कभी रुलाया नहीं करेंगे हम,

जिस जगह तुम बिछड़े थे हमसे,
उस जगह जाया नहीं करेंगे हम,

एक बार जो उसे कर लिया अपना,
फिर कभी पराया नहीं करेंगे हम,

"जामी" लिखेंगे हर ग़ज़ल उस पर,
और उसे सुनाया नहीं करेंगे हम..!

Jami Ansari By : Jami Ansari

Zindagi Shayari Views - 597 24th Nov 2021

Alvida kaho to muskura dena

मुझसे जब अलविदा कहो तो मुस्कुरा देना,
मुझसे बिछड़ने की एक ही सही पर वज़ह देना,

मेरी चाहत मे क्या कमी थी ये भी बता देना,
मेरी आशिकी की जो सज़ा है वो सुना देना,

मैं तुझको  ख़ुद से कैसे मिटाऊ ये बता देना,
बिन तेरे कैसे जीना है ये सिखा देना..!

Ammara Khan By : Ammara Khan

Dhoka Shayari Views - 416 21st Nov 2021
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