खुद को इश्क़ कराया नहीं करेंगे हम,
ये ज़िन्दगी ज़ाया नहीं करेंगे हम,
उसको रूठने देंगे जी भर के,
और फिर मनाया नहीं करेंगे हम,
उसे हंसता हुआ देखा तो ठान लिया,
उसे कभी रुलाया नहीं करेंगे हम,
जिस जगह तुम बिछड़े थे हमसे,
उस जगह जाया नहीं करेंगे हम,
एक बार जो उसे कर लिया अपना,
फिर कभी पराया नहीं करेंगे हम,
"जामी" लिखेंगे हर ग़ज़ल उस पर,
और उसे सुनाया नहीं करेंगे हम..!