तू बता इस दर्दे दिल की हम दवा कैसे करे,
तेरे बिना जीना नही तो अलविदा कैसे करे,
दिल में अब तेरे सिवा न और कोई आएगा,
अब होश में रहते हुए हम ये गुनाह कैसे करे,
कुछ नहीं तेरे बिना, है रूह तू इस जिस्म की,
अब रूह से इस जिस्म को हम जुदा कैसे करे,
अगर तू सामने होगा, ये आँसू रूक ना पाएंगे,
या खुदा हम आज तेरा सामने कैसे करे,
अब नहीं तेरे सिवा इस दिल को कोई आरज़ू,
अब ज़िंदगी को हम बसर तेरे बिना कैसे करे,
हर शख्स लेकर फ़िर रहा है संग तेरे नाम का,
एलान अपने इश्क़ का हम बरमाल कैसे करे,
अब तेरे आगोश में ही ज़िंदगी की शाम हो,
ए सहर तू ही बता ये मुक़तज़ा कैसे करे..!