वो मुहब्बत की सारी हदें भूल गए,
जब दिल मिल गए तो सारी सरहदें भूल गए,
कुछ इस तरह हुई हमपे खुशियों की बारिश,
हम गमों के सारे फसाने भूल गए,
क्या करना था, क्या कहने आए थे आपसे,
देखकर आपको हम सारी बातें भूल गए,
कुछ ऐसा सबक दिया मुहब्बत का उसने,
हम नफरतों की सारी कहानी भूल गए...!