वो बारिश में तुम्हारा भीगना,
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मेरा दिल, मेरी धड़कन, मेरी सांसें,
मेरी जान, मेरी हंसी, मेरी खुशी मेरे आंसू,
सब तुम्हारे पास ही तो है,
मेरा मुझमे कुछ भी तो नही..!
समंदर सी भरी मेरी आँखें,
फिर भी ये बूँदे मुझ पर बरस रही है,
कैसे सुखाऊँ तेरी इन यादों को,
ये बारीश मुझे अंदर से भी भीगा रही है,
आज चाह रही वो ज़मी को आसमां से टूटकर,
हर एक बूँद में मुझे तेरी सूरत दिखाई दे रही है..!
वो मुहब्बत की सारी हदें भूल गए,
जब दिल मिल गए तो सारी सरहदें भूल गए,
कुछ इस तरह हुई हमपे खुशियों की बारिश,
हम गमों के सारे फसाने भूल गए,
क्या करना था, क्या कहने आए थे आपसे,
देखकर आपको हम सारी बातें भूल गए,
कुछ ऐसा सबक दिया मुहब्बत का उसने,
हम नफरतों की सारी कहानी भूल गए...!
तुमसे इश्क का अंजाम देखना है,
तेरी बाहों में सुबह से शाम देखना है..!
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