नाराज तो नहीं हूं तुमसे ना तुमसे कोई बैर है मेरा
गुस्सा भी नहीं करता तू कौन सा गैर है मेरा
हां ये बात तो है कि थोड़ा सा ना समझ हूं मैं
समझाना नहीं आता मुझे तो इसमें क्या कसूर है मेरा
सुना है इस जहां के परे भी एक जहां है
हाथ पकड़ कर मेरा तुम वो जहां दिखा दो ना
मुझे नहीं आता इश्क करनातो क्या हुआ
आओ तुम सिखा दो ना
वादा तो नहीं करता कि आगे से तंग नहीं करूंगा मैं
हां ये कह सकता हूं कि तुम्हारे आगे अब रोज पानी भरूंगा मैं
तुम्हारा कभी पैर दुखे या सर चकराए तो कहना मुझसे
उस दर्द को भुलवाकर घंटों तुमसे बातें करूंगा मैं
सुना है तुम्हारे हाथों की लकीरों में नाम छुपा है मेरा
आज वो मेरा लिखा नाम दिखा दो ना
मुझे नहीं आता इश्क करना तो क्या हुआ
आओ मुझे सिखा दो ना, मुझे सिखा दो ना
अच्छा बाबा आज तुम्हारी जुल्फों की उलझन को मैं सुलझाता हूं
तुम थक गई होंगी ना, कोई बात नहीं आज खाना मैं बनता हूं
रात में मेरे खर्राटे तंग करते होंगे ना तुम्हें
चलो आज पूरी रात जागकर मैं तुम्हें सुलाता हूं
तुम जो भी कहो गलती तो की है मैंने तुम्हें सताकर
आज मेरी हर गलती का हिसाब मुझे लिखा दो ना
मुझे नहीं आता इश्क करना तो क्या हुआ
आओ तुम सिखा दो ना आओ तुम ही सिखा दो ना.