Ek Shaam esi bhi

Ek Shaam esi bhi.

ek Shaam esi bhi aaye,
jab tu sari bandishe tod kar mere pas aaye,

tere aankho me Mai khud Ko dekhu aur kuch na bolu,
bas chupke se tere labon Ko chhu lu,

tumse lipat kr jau kuch is kadar,
jaise do jism ek Jaan ban jaye.

kuch na keh kar bhi bahut kuch keh du tumse,
bas esi ek Shaam mil jaye...

Pari Mishra By : Pari Mishra

Romantic Shayari Views - 279 8th Jul 2020

Zindagi

जिंदगी जीन आ  ही जाता है,
जब कोई छोड़ कर चला जाता है,
हम मिटा नहीं सकते उन की यादों को,
यादों को मिटाना हमें कहा आता है..!

Ammara Khan By : Ammara Khan

Zindagi Shayari Views - 198 6th Jul 2020

Tum Sikha do na

नाराज तो नहीं हूं तुमसे ना तुमसे कोई बैर है मेरा
गुस्सा भी नहीं करता तू कौन सा गैर है मेरा

हां ये बात तो है कि थोड़ा सा ना समझ हूं मैं
समझाना नहीं आता मुझे तो इसमें क्या कसूर है मेरा

सुना है इस जहां के परे भी एक जहां है 
हाथ पकड़ कर मेरा तुम वो जहां दिखा दो ना
मुझे नहीं आता इश्क करनातो क्या हुआ 
आओ तुम सिखा दो ना 

वादा तो नहीं करता कि आगे से तंग नहीं करूंगा मैं
हां ये कह सकता हूं कि तुम्हारे आगे अब रोज पानी भरूंगा मैं
तुम्हारा कभी पैर दुखे या सर चकराए तो कहना मुझसे 
उस दर्द को भुलवाकर घंटों तुमसे बातें करूंगा मैं

सुना है तुम्हारे हाथों की लकीरों में नाम छुपा है मेरा 
आज वो मेरा लिखा नाम दिखा दो ना 

मुझे नहीं आता इश्क करना तो क्या हुआ 
आओ मुझे सिखा दो ना, मुझे सिखा दो ना 

अच्छा बाबा आज तुम्हारी जुल्फों की उलझन को मैं सुलझाता हूं
तुम थक गई होंगी ना, कोई बात नहीं आज खाना मैं बनता हूं
रात में मेरे खर्राटे तंग करते होंगे ना तुम्हें
चलो आज पूरी रात जागकर मैं तुम्हें सुलाता हूं

तुम जो भी कहो गलती तो की है मैंने तुम्हें सताकर 
आज मेरी हर गलती का हिसाब मुझे लिखा दो ना 
मुझे नहीं आता इश्क करना तो क्या हुआ 
आओ तुम सिखा दो ना आओ तुम ही सिखा दो ना.

Maan Ashiwal By : Maan Ashiwal

Hindi Poetry Views - 463 5th Jul 2020

Meri tanhaai

Meri tanhaai mujh se kehti hai ke,
Main tanhaa  kyun hun,
Main ne kaha jo hamesha dusron ka
Sath deta hain, wo hamesha tanhaa hi rehta hai..!

Ammara Khan By : Ammara Khan

Tanhai Shayari Views - 200 4th Jul 2020

Hawa ki tarah choo kar to guzro

यूं एकटक क्या देख रहे हो,
कभी हवा की तरह छूकर तो गुजरो.
हम भी रेंत की तरह है,
बस संग तेरे कहीं दूर उड़ चलेंगे..!

Shradha By : Shradha

Mohabbat Shayari Views - 236 11th Jun 2020
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