जो अपने शब्दो में आँसू छुपाते हैं लोग जिन्हें शायर कहते हैं,
जो खामोशी से सब कुछ सहते हैं लोग जिन्हें कायर कहते हैं,
जो अपना दर्द अपने शब्दो में बयां करते है लोग उन्हें पागल कहते हैं,
हम खुद को एक नया दिवाना कहते हैं लोग हमें भी शायर कहते हैं..!!
तुमने मुझको भुला दिया, हस्ता चेहरा रुला दिया,
आँखों में अब नींद नहीं, ख्वाबो को भी सुला दिया,
याद करो वो रात सुहानी, बीति गुज़री बात पुरानी,
मौसम था बारिश का और, हम पर था बरसात का पानी..!
कागज, कलम, किताब, आप,
मैं, रात, नीद, ख्वाब, आप.
नाराज़ तुम कभी हुए तो.
फिर मैं, हिज़्र, शराब, आप,
दिन, दुनिया, जहां, कौन,
खत, फूल, दे जवाब, आप,
सिर्फ बची है खुश्बू चार,
मोगरा, कमल, गुलाब, आप..!
मुझ मीरा को राधा समझ कर तुम भूल कर बैठे,
खोकर भी मुझे पाने का तुम गुरूर कर बैठे..!
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