मोहब्बत की गिनती दो से शुरू होती है,
और दो पर ही खत्म होती है, अगर दो से एक हो जाये तो,
पाओं के नीचे से जमीन फिसल जाता है,
और दो से तीन हो जाये तो, दिल से ये यकींन निकल जाता है..!
Mohabbat ki ginti
By : Shivam Agrahari
Dhoka Shayari
Views - 224
27th Apr 2020