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मुस्कुरा कर अब ये जता दूं क्या,
तुम मेरे हो सबको बता दूं क्या,
मेरे अपनों से भी तुम्हें मिला दूं क्या,
या इस दिल में ही कहीं छुपा लूं क्या,
मेरी तन्हाई को तेरी यादों से सजा दूं क्या,
बिन तेरे मैं कुछ भी नहीं ये बता दूं क्या,
जो तू ना हो हासिल तो खुद को मिटा दूं क्या,
बिन तेरे जीने की अब भी कोई वजह दूं क्या..!
बेशक मेरी चाहत में कोई कमी तो नहीं,
तू भी मुझे चाहे ये जरूरी तो नहीं,
बेशक मेरे इश्क़ की तुझे ख़बर तो नहीं,
मैं ही तुझे बताऊं ये जरूरी तो नहीं,
बेशक मैं तुझसे ज्यादा हसी तो नहीं,
इश्क़ खूबसूरती देखकर हो ये जरूरी तो नहीं,
बेशक तुझे मेरी कोई परवाह तो नहीं,
मैं भी तुझसे लापरवाह हो जाऊंगी ये जरूरी तो नहीं,
बेशक मैं तेरे गमों में शामिल और खुशियों में नहीं,
तू भी मेरे ग़मों में शामिल हो ये जरूरी तो नहीं,
बेशक मैं तुझे मांगू दुआओं में क्यों नहीं,
तू भी मुझे मांगे ये जरूरी तो नहीं..!
Chand jab bhi meri galiyon se guzarta hai sehar,
Us ko takta hun ke tu ne use dekha hoga...
कुछ इस तरह दिल उनसे लगाना था,
हर तरह उन्हें रूह मे समाना था,
लम्बी दुरियों से दिल सिकुड़ने लगा था,
हमे निगाहो से हाल-ए-दिल बताना था,
वो भी बेखबर नहीं आरज़ू से मेरी,
शिद्दत से उन्हें धड़कनॆ सुनाना था,
भुलना हमे मुमकिन नहीं उनके लिए,
इस बात का यकीं उन्हें दिलाना था,
मुख्तसर ही सही उनका दिदार तो हो,
महताब को अपना चाँद दिखाना था..!
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