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Afsaana

वो जो मनाया था तुमने मुझे पहली दफ़ा,
यू किसी और को ना मनाना,

यु दूर जा कर मत बनाना,
अपनी महोब्बत का अधुरा अफ़्साना,

कभी नहीं थे तुम मेरे,
ये कह कर रुलाता है मुझे आज ये ज़माना,

आओ कभी दिदार की तलब है मुझे,
अच्छी बात नहीं है यू हर रोज़ इतना किसी को सताना...!

Heena dangi By : Heena dangi

Ishq Shayari Views - 324 3rd Sep 2021
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Nuksaan se bhara khel

 

बिन सफ़र, बिन मन्ज़िल का,
एक रास्ता होना चाहता हूँ मैं,

नुकसान से भरा खेल,
एक बार फ़िर खेलना चाहता हूँ मैं,

हद से भरी इस आशिकी में,
मैं हर हद से गुज़रना चाहता हूँ..!

Heena dangi By : Heena dangi

Ishq Shayari Views - 291 3rd Sep 2021
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Muntazir

निगाहे मुंतज़िर थी उनके दिदार की
अब तलबगार है वो हमारे,

तब बंधन में थे हम खामोशी के
आज तरसते वो अल्फ़ाजो को हमारे,

ख्वाबों में भी दिदार से ना था हमें सुकुन
आज गवारे नहीं है उन्हें ये पर्दे हमारे..!

Heena dangi By : Heena dangi

Dard Shayari Views - 374 7th Sep 2021
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Chai Peene se

मुस्कुराहट सजी रहती है चेहरे पर, चाय पीने से,
सारे ग़म हो जाते हैं दर-बदर, चाय पीने से,
 
बचपन से सुनते आए हैं कि काले होते हैं,
लेकिन अपना चेहरा जाता है निखर, चाय पीने से,
 
यहां लोगों का जीना मरना लगा हुआ है लेकिन,
हम जैसे लोग हो जाते हैं अमर, चाय पीने से,
 
दूध, लस्सी, पानी, शरबत और कोल्ड ड्रिंक्स,
निकल जाती है इन सबकी कसर, चाय पीने से,
 
हम जब बोलें तो मुंह से बस सुर ही सुर निकलें,
आ जाता है अपने होंठो पे ये हुनर, चाय पीने से,
 
कभी हरी, कभी लाल, तो कभी काली, कत्थई,
हमने सीखा है पहचान-ए-कलर, चाय पीने से,
 
"जामी" कभी फस जाओ तुम बेचैनी के समंदर में,
तो पार हो जायेगी उलझन की लहर, चाय पीने से..!

Jami Ansari By : Jami Ansari

Chai Poetry Views - 775 28th Aug 2021
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Shayad humse nahi

वह खुश हैं पर शायद हम से नहीं,
वह नाराज हैं पर शायद हमसे नहीं,
कौन कहता हैं उनके दिल में मोहब्बत नहीं,
मोहब्बत तो हैं पर शायद हमसे नहीं..!

Shankar lal dangi By : Shankar lal dangi

Mohabbat Shayari Views - 1069 27th Jul 2021
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