गुज़रे हुए दिन,
गुज़री हुई रात,
गुज़रे हुए लम्हें,
गुज़री हुई बात,
गुज़रा हुआ वक़्त,
गुज़रा हुआ साथ,
गुज़री हुई ज़िन्दगी,
बेहद आती है याद..!
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गुज़रे हुए दिन,
गुज़री हुई रात,
गुज़रे हुए लम्हें,
गुज़री हुई बात,
गुज़रा हुआ वक़्त,
गुज़रा हुआ साथ,
गुज़री हुई ज़िन्दगी,
बेहद आती है याद..!
बड़ी मुश्किल से नज़र आते हैं सच्चे चेहरे किसी के,
आँख और चेहरे के दरमियां मेकअप हाइल रहते हैं
चाहे शहर हो लाहौर या नवाबों का लखनऊ,
इंसानियत का तो हर जगह ही बुरा हाल है !!
ستم یہ نہیں تھا کے میں تنہا تھی
ظلم یہ ہے کے میں تنہا ہوں
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