ऊंची इमारतों के मलबे में दबा मिला,
में कई पत्थरों के तलबे में दबा मिला,
जिससे सुकून ए दिल मिले और मुझे वो हुस्न,
कमबख्त उसके चेहरे के जलवे में दबा मिला,
वो एक काजू मैंने जिसे ढूंढा हर जगह,
मुझे मिला भी तो गाजर के हलवे में दबा मिला,
अक्सर वो जो पढ़ती थी मेरा ख़त बार बार,
"जामी" वो ख़त मिट्टी की टीले में दबा मिला...