कुछ इस तरह दिल उनसे लगाना था,
हर तरह उन्हें रूह मे समाना था,
लम्बी दुरियों से दिल सिकुड़ने लगा था,
हमे निगाहो से हाल-ए-दिल बताना था,
वो भी बेखबर नहीं आरज़ू से मेरी,
शिद्दत से उन्हें धड़कनॆ सुनाना था,
भुलना हमे मुमकिन नहीं उनके लिए,
इस बात का यकीं उन्हें दिलाना था,
मुख्तसर ही सही उनका दिदार तो हो,
महताब को अपना चाँद दिखाना था..!