रोया है कोई फुर्सत से सारी रात,
वरना इस रुखसत-ए-दिसम्बर में मौसम खराब ना होता,
इरादा उसका भी बिछड़ने का लगा,
वो युं अचानक ही खामोश तो ना होता,
सामने अगर होता ये दामन छूटने से पहले पकड़ लेता,
जाओ नहीं कह कर युं बाहों में भर लेता, उससे जुदा ना होता..!
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रोया है कोई फुर्सत से सारी रात,
वरना इस रुखसत-ए-दिसम्बर में मौसम खराब ना होता,
इरादा उसका भी बिछड़ने का लगा,
वो युं अचानक ही खामोश तो ना होता,
सामने अगर होता ये दामन छूटने से पहले पकड़ लेता,
जाओ नहीं कह कर युं बाहों में भर लेता, उससे जुदा ना होता..!
हो जाऊंगा रुखसत इस ज़माने से,
नहीं आऊंगा फिर किसी के बुलाने से,
फिर आओगी मेरे पास मेरी मौत के बहाने से,
मुझे फर्क नहीं पड़ेगा तेरे आने से,
रोओगी तुम मेरा ज़नाजा उठाने से,
मुझे फर्क नहीं पड़ेगा तेरे आंसू बहाने से,
जब पहुंच जाऊंगा मैं अपने ठेकाने में,
तुम्हे अफ़सोस होगा मेरे यूं चले जाने में..!
बस उन्हीं के लिए हमारे पास फ़ुरसत होती है,
जिनकी हमारे दिलों में हुकूमत होती है,
जो रखते नहीं पास दूसरों की इज़्ज़त का,
फिर उनके मुकद्दर सिर्फ ज़िल्लत होती है,
शुक्र है, उसे ये बात समझ आ तो गई,
किसी के दिल में रहना ही असल शोहरत होती है,
लोग अक्सर भूल जाते हैं उन्हें,
जिनके मुकद्दर गुरबत होती है,
वो मेरे काम सबसे पहले कर देता है,
मेरी मुस्कुराहट ही उसके लिए रिश्वत होती है,
कभी जो रखता था मेरी हर खुशी का ख़्याल,
अब तो हाल पूछने में भी उसको ज़हमत होती है,
वो गया है मेरी ज़िन्दगी से तो ऐसे गया है,
जैसे ख़ुशबू , फूलों से रुखसत होती है,
कभी तो खर्च कर दिया करो खुद को मुझ पर,
ये तसल्ली तो रहे की मामूली नहीं है हम...
Zakham Tha dard tha aakhe bhi gili thi.
Mari Dunya jalane wali Ek machis ki tili thi...
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