मज़हबों के नाम पर भरा हुआ,
जहालियाती का बाज़ार नहीं देखते,
जिसकी शक्लो सूरत हो अच्छी,
लोग उसका किरदार नहीं देखते,
वही दिखाते है आईना औकात का,
जो अपनी हालत का सुधार नहीं देखते,
जिन्हें लगाव होता है अपने अपनों से,
ऐसे अपनों में कोई दरार नहीं देखते,
जिन्हें जुनून होता है कुछ कर दिखाने का,
ऐसे जज़्बो में कोई हार नहीं देखते,
जो रिश्ता निभाया जाए "अम्मारा" मतलब के लिए,
ऐसे रिश्तों में कोई प्यार नहीं देखते..!