बिछड़ कर तुझसे हमें,
कोई और ठिकाना ना मिला,
मैं बनाऊं फिर से मोहब्बत का फ़साना,
मुझे ऐसा कोई बहाना ना मिला,
जो मिला मुझ को तू जाना,
मुझे ज़माने में ऐसा कोई दीवाना ना मिला..!
बिछड़ कर तुझसे हमें,
कोई और ठिकाना ना मिला,
मैं बनाऊं फिर से मोहब्बत का फ़साना,
मुझे ऐसा कोई बहाना ना मिला,
जो मिला मुझ को तू जाना,
मुझे ज़माने में ऐसा कोई दीवाना ना मिला..!
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