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Hum nahi badle jate

ये दिल नहीं बदले जाते, मौसम नहीं बदले जाते,
और एक हम हैं कि हमसे हम नहीं बदले जाते,
 
अनबन, लड़ाई, झगड़े सुलझा लेना बेहतर है,
यूं ज़रा ज़रा सी बात पर मेहरम नहीं बदले जाते,
 
बदलने वाले न जाने कितने किरदार बदलते हैं,
हमसे मासूम पत्तों पे गिरे हुए शबनम नहीं बदले जाते,
 
जो आ गया सो आ गया जो दिख गया सो दिख गया,
किसी के कहने पर शादी के एल्बम नहीं बदले जाते,
 
जो दोस्त थे पहले "जामी" वही दोस्त अब भी हैं ,
यानि तुम्हारे यार तुम्हारे हमदम नहीं बदले जाते..!

Jami Ansari By : Jami Ansari

Zindagi Shayari Views - 811 20th May 2021
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Main tab hoon jab wo mere sath hai

मैं एहसास हूँ तो वो जज़्बात है,
मैं इश्क़ हूँ तो वो परवाज़ है, 

मैं ख्वाब हूँ तो वो ख्याल है,
मैं सवाल हूँ तो वो जवाब है,

मैं सुबह हूँ तो वो शाम है,
मैं दर्द हूँ तो वो आराम है, 

मैं चांदनी तो वो मेरा चाँद है,
मैं ज़िन्दगी तो वो मेरी साँस है,

मैं तब हूं जब वो मेरे साथ है..!

Ammara Khan By : Ammara Khan

Zindagi Shayari Views - 511 20th May 2021
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Chai me waqt guzara hai

ठहर कर तुम्हारे साए में वक्त गुज़ारा है,
मुसलसल तुम्हारी राय में वक्त गुज़ारा है,
 
यूं ही हम एक होने की कगार पर नही पहुंचे,
हमने महीनों हैलो हाय में वक्त गुज़ारा है,
 
जो पहले देखता था फोटो अब भी देखता हूं,
बस इन्ही दिखे दिखाए में वक्त गुज़ारा है,
 
अपनी जान पहचान का राज़ बताऊं तुम्हे,
तुम्हारे हाथों की चाय में वक्त गुज़ारा है,
 
तुम कोई पेड़ नहीं, मगर फिर भी "जामी"
हमने तुम्हारी छाए में वक्त गुज़ारा है..!

Jami Ansari By : Jami Ansari

Romantic Shayari Views - 751 17th May 2021
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Har mohbbat ki kismet mai aashiyaane nahi hote

हर मोहब्बत की किस्मत में,
आशियानें नहीं होते,

हर आश़िके के मुकम्मल,
फ़साने नहीं होते,

हर कोई मोहब्बत मे दिवानें नही होते,
दीवानों के दिल कभी विराने नहीं होते,

हर मोहब्बत के दुश्मन ज़माने नहीं होते,
कुरबा-ने-मोहब्बत के झूठे तराने नहीं होते,

हर मोहब्बत की किस्मत में,
आशियाने नहीं होते..!

Ammara Khan By : Ammara Khan

Mohabbat Shayari Views - 602 30th Apr 2021
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Ek umar lagi

एक उम्र लगी ख़ुद को ये समझाने में,
के कोई नहीं होता अपना इस ज़माने में,

एक उम्र लगी ख़ुद को मनाने में,
के जो ना हो किस्मत में उसे जाने दें,

एक उम्र लगी ख़ुद को बेहलाने में
के जब उन्हें मोहब्बत ही नहीं तो क्या मतलब आज़माने में,

एक उम्र लगी ख़ुद को ये जताने में,
के जो लकीरों में नहीं, अच्छा है उसे भुलाने में,

एक उम्र लगी ख़ुद को ये कह कर हँसाने में,
ये ज़िन्दगी है अम्मारा इसे अब यूँ ही गुज़र जाने दे..!

Ammara Khan By : Ammara Khan

Judaii Poetry Views - 603 27th Apr 2021
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