नहीं वो तुम नहीं थे जो मिले थे,
जो अब हम हैं वो पहले नहीं थे,
वो जिनसे रिश्तों में आ गईं दरारें,
वो बेबुनियाद के शिकवे गिले थे,
अब तो यादें भी धुंधली हो गई हैं,
बस इतना याद है कि हम मिले थे..!
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नहीं वो तुम नहीं थे जो मिले थे,
जो अब हम हैं वो पहले नहीं थे,
वो जिनसे रिश्तों में आ गईं दरारें,
वो बेबुनियाद के शिकवे गिले थे,
अब तो यादें भी धुंधली हो गई हैं,
बस इतना याद है कि हम मिले थे..!
Haye Kya shakhs tha Jisne yeh Qayamat kardi,
Raat bhar jaagte rehna Meri Aadat kardi...
अहमियत कम हो जाती है पुराने ख़तों की,
जब किसी भी नये महबूब के ख़त आने लगे..!
Maine kaha kya Meri Khatir khud ko badloge..?
Usne Nazre badli aur phir Number Badla..
रात के कर्ज़दर हम न थे मगर,
जाने क्यूँ हम करवटें बदलते रहे..!
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