शायद क़िस्मत में नहीं है, कहते कहते,
कई लोगों ने क़िस्मत बिगाड़ ली अपनी !
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शायद क़िस्मत में नहीं है, कहते कहते,
कई लोगों ने क़िस्मत बिगाड़ ली अपनी !
Rasto se rah guzar tak,
Ye Zindagi, Ek safar se dusre safar tak...
Mere daur me is Qadr udaasi hai Ke,
Agli nasal padhegi Alif se Udaasi...
हार जाती हूँ हाथों की लकीरो से अक्सर,
ज़िन्दा रहे जज्बा गर तो कोशिशें बेअसर ही सही,
कोई टटोल ले मुझे, मैं इतना वक़्त नहीं देती,
जो हैं नाराज, उन अपनो से मैं बेखबर ही सही
मेरी पहुँच तय कर लेगी मेरे ख्वाबों की औकात,
अभी कहते हैं लोग, तो ख्वाब सारे मुख्तसर ही सही..!
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