मैं छोड़ आयी हूँ पीछे सबको,
अब कोई पास ना आये तो बेहतर हैं।
मैं किस हिसाब से जीयूं अपनी जिन्दगी,
अब कोई ना समझाए तो बेहतर हैं।
ये सफ़र मैं अकेले तय कर लुंगी,
अब कोई साथ ना आये तो बेहतर हैं।
अपने आंसू खुद पोछ लुंगी,
अब कोई झूठी तसल्ली ना दिखाये तो बेहतर हैं।