ख़ामियां तो बहुत थी मुझ में, पर वो नज़र अंदाज़ करता था,
मेरी हर ख़ता और गलती को वो माफ़ करता था,
मेरी हर ख्वाहिश को पूरा करने के लिए मशक्कते हज़ार करता था,
मेरी ख़ुशी के लिए अपनी हर खुशियाँ बरबाद करता था,
वो पागल भी न मुझे कितना प्यार करता था..!
Wo pagal bhi na
By : Ammara Khan
Follow on Instagram
ammukhan590
Romantic Shayari
Views - 207
11th Jul 2020