चलते फिरते, इठलाती हुई लड़की
कहा गयी वो, मुस्कुराती हुई लड़की
जिसका बचपना मेरे सामने निकलता
हा गयी वो, चिल्लाती हुई लड़की
मेरे गम में, उसका बच्चो सा हो जाना
कहा गयी वो सबको, हसाँती हुई लड़की
रात को फ़ोन पे, पूरे दिन का बेवरा देना
कहा गयी वो इतनी,बतियाती हुई लड़की
उसकी मुस्कान पे बीमार भी खुश हो जाता
कहा गयी वो मोहब्बत, फैलाती हुई लड़की
मेरे इंतज़ार में बेवजह सड़को पे तकती थी
कहा गयी छत पे वक़्त, बीताती हुई लड़की
मुझे नींद न आने पे, माँ के जैसी बन जाती
कहा गयी वो लोरीयाँ, सुनाती हुई लड़की
हर वक़्त कुछ विशेष,महसूस कराती रहती
कहा गयी वो इश्क़, जताती हुई लड़की
मैं रूठ जाऊ, तो खुद भी रूठ जाती थी
कहा गयी वो फिर, मनाती हुई लड़की
बाहों में भरके, युही पूरी रात तकती थी
कहा गयी वो मुझे सबसे,छुपाती हुई लड़की
मुझसे बिछड़ने के डर से,अक्सर रो देती थी
कहा गयी वो फिर, जज्बाती हुई लड़की
जुदा होते वक़्त मुझसे, नज़रें न मिला सकी
कहा गई वो अब, कपकपाती हुई लड़की...