वो कह गए राज़ हमसे यु आँखों से,
ज़बाँ खुली ही नहीं यार की,
कभी जिसे बेवफा कहते थे,
आज निशानी बताते है उसे प्यार की,
बड़ी मुश्किल से आया है यकीं,
देख कर आँखों मे हसरतें दिलदार की,
मिल ही गई हमें उससे वफ़ा,
जिसने कभी कसम खाईं थी बेवफाई की..!
वो कह गए राज़ हमसे यु आँखों से,
ज़बाँ खुली ही नहीं यार की,
कभी जिसे बेवफा कहते थे,
आज निशानी बताते है उसे प्यार की,
बड़ी मुश्किल से आया है यकीं,
देख कर आँखों मे हसरतें दिलदार की,
मिल ही गई हमें उससे वफ़ा,
जिसने कभी कसम खाईं थी बेवफाई की..!
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