उससे वो पहली दफा नज़रे टकराना,
उसे देख युं मेरा शर्माना,
मैं उसके ख्यालों में कहीं खोने लगी थी,
उसकी ख्वाइशों में मैं अब जीने लगी थी,
मेरा उसे युं मुड़ मुड़ के देखना,
उसकी हर बात पर मेरा मुस्कुराना,
कॉफी डिनर नहीं, उससे चाय के लिए पूछने लगी थी,
पूछा उसने इरादा हमारा, दिल की धड़कन बढ़ने लगी थी,
बताया जब हमने हाल - ए - दिल हमारा,
उन्होंने काफी वक़्त तक था हमें तड़पाया,
उसके इंतज़ार में आँखे नम होने लगी थी,
सुन जवाब उनका मैं खुद पे ग़ुरूर करने लगी थी..!