जो मेरी नफ़रत के भी काबिल नहीं,
मैं उससे इश्क़ कर बैठी थी,
मुझे मोहब्बत के नाम पर बदनाम किया उसने.
क्या करें उसकी फितरत ही ऐसी थी..!
Uski fitrat hi aesi thi
By : Ammara Khan
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ammukhan590
Bewafa Shayari
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8th Nov 2020