मेरा दिल ज़ोर ओ शोर पर रहता था,
मोहब्बत की पक्की डोर पर रहता था,
शायद उड़ गया है अब नज़र नहीं आता,
वो कबूतर जो मेरी मुंढोर पर रहता था,
समझदार तो बच जाते थे जैसे तैसे,
सारा इल्ज़ाम ढोर पर रहता था,
आखिर कैसे सुन पाता वो मेरी धड़कन,
वो शख़्स तीस वे फ्लोर पर रहता था,
मेरी तैराकी का ये इम्तिहान था "जामी",
वो दरिया के उस छोर पर रहता था..!