ये डूबता सूरज, ये ढलती शाम फिर एक उम्मीद दे गयी,
तुमसे मिलने की आस में ये रात आज फिर आंसुओ में बीत गयी..!
Ummid
By : Heena dangi
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Intezaar Shayari
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15th Oct 2020