तुम ऐसे ही तो अच्छे हो...
कभी समझदार, कभी ज़रा से नासमझ,
कभी ज़रा मुस्कुराते, कभी बेबाक से हंसते हुए,
कभी झूठा सा रूठते, कभी सच्चा सा मनाते,
तुम ऐसे ही तो अच्छे हो...
कभी चुपके से हाथों को थामते,
कभी मेरी झूठी चाय को अपने होठों से लगाते,
कभी बड़ों सी बातें करते, तो कभी बच्चे बन जाते,
तुम ऐसे ही तो अच्छे हो...
कभी शिकवा- शिकायत करते, तो कभी सीने से लगते,
कभी बेपरवाह से लगते, तो कभी हर पल मेरी परवाह करते,
कभी मंजिल से बेख़बर हो सफर पर निकल पड़ते,
तो कभी मुझे में ही सिमट जाते,
तुम ऐसे ही तो अच्छे हो....
Tum aise hi to ache ho
By : Hetal Rajpurohit
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Mohabbat Shayari
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11th Feb 2020