हकीकत अगर बन जाए अफसाना तो क्या कीजिए..?
अगर हो जाए कोई प्यार में दीवाना, तो क्या कीजिए..?
जिसके पास रहने की मांगी ढेरों दुआएं,
अगर वो ही तलाशे दूर जाने का बहाना, तो क्या कीजिए..?
जिसको उठा रखा है सर पर अपने,
अगर वो ही चाहे नज़रों से गिराना, तो क्या कीजिए..?
और जिसके साथ की तम्मना करता है ये दिल,
अगर वो ही चाहे हांथ छुड़ाना, तो क्या कीजिए..?