कभी खुशियों के मेले तो कभी ग़म के अंधेरे
कभी ख्वाब टूटे तो कभी किस्मत रूठे
कभी तन्हाई की महफिल तो कभी भीड़ में भी अकेले
कभी इंतजार की घड़ियां तो कभी यादों की लड़ियाँ
अब है जुदाई की बारी खत्म सब से यारी
क्योंकि तन्हा जिंदगी है सबसे प्यारी
कभी खुशियों के मेले तो कभी ग़म के अंधेरे
कभी ख्वाब टूटे तो कभी किस्मत रूठे
कभी तन्हाई की महफिल तो कभी भीड़ में भी अकेले
कभी इंतजार की घड़ियां तो कभी यादों की लड़ियाँ
अब है जुदाई की बारी खत्म सब से यारी
क्योंकि तन्हा जिंदगी है सबसे प्यारी
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