सुना है, कि वो मुझे अपना कहतें हैं,
लेकिन कह देने से क्या होता है,
अपना कहने और मानने में बहुत फर्क होता है,
वैसे ही फर्क ,जैसे ज़मीं और आसमां में होता है,
अगर किसी को अपना कहो, तो उसे अपनाईयत भी दो,
क्युकी सिर्फ पौधे लगा देने से कुछ नहीं होता है..
उन्हें पानी और तवाज्जह भी देना होता है,
इसीलिए, सिर्फ कहने से कुछ नहीं होता है,
कुछ करना भी होता है..!