चेहरे पे इक खुशी तारी है,
मगर ज़हनों में जंग जारी है,
उसे जाकर कोई खबर दे दे,
मेरा कब से रक्स ज़ारी है,
मुझे क्यों समझ नहीं आई,
लोग कहते हैं ये बीमारी है,
और क्या तुम्हें मैं बतलाऊं,
ज़िन्दग़ी शेर की सवारी है!
चेहरे पे इक खुशी तारी है,
मगर ज़हनों में जंग जारी है,
उसे जाकर कोई खबर दे दे,
मेरा कब से रक्स ज़ारी है,
मुझे क्यों समझ नहीं आई,
लोग कहते हैं ये बीमारी है,
और क्या तुम्हें मैं बतलाऊं,
ज़िन्दग़ी शेर की सवारी है!
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