अकेले चलती तो हूँ मैं, लेकिन कहिं पहुँचती नहीं,
ठोकरे खाती तो हूँ मैं, लेकिन सम्भलती नहीं,
ढूंढती तो हूँ मैं, लेकिन मंज़िल मिलती नहीं,
चुप नहीं हूँ मैं, लेकिन कुछ कहती नहीं,
ठहरती तो हूँ मैं, लेकिन कहिं रहती नहीं,
अकेले चलती तो हूँ मैं, लेकिन कहिं पहुँचती नहीं,
ठोकरे खाती तो हूँ मैं, लेकिन सम्भलती नहीं..!