Saath nahi dete

हर लम्हा हर पल साथ नहीं देते,
दोस्त भी आज कल साथ नहीं देते,

हां दे देते हैं साथ थोड़ा कभी कभी,
हां मगर मुसलसल साथ नहीं देते,

कुछ लोग सिखाते है ज़िन्दगी जीना,
देखो मगर पागल साथ नहीं देते,

चलना पड़ता है हमें कांटों पर भी,
हर वक्त यहां मखमल साथ नहीं देते,

ज़िन्दगी इतना रुलाती है कि कभी कभी,
आंखो के ये काजल साथ नहीं देते,

फोन लगाता हूं उसे, कट हो जाता है,
कमबख़्त ये सिग्नल साथ नहीं देते,

छाते तो है खुशी की घटा बन कर लेकिन,
"जामी" तुम्हारा ये बादल साथ नहीं देते..!

By : Jami Ansari

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Dosti Shayari Views - 556 19th Apr 2021

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