शहर में ईद की तारीख मुक्कमल हो गयी,
साफ इधर से नज़र आ आता है उधर का पहलू,
चाँद के दीदार में वो छत पर आ चली,
आईने सा है रश्के-ए-क़मर का पहलू...!
Rashq-e-qamar
By : Heena dangi
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Eid Shayari
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20th Dec 2021