वो थोड़ी चंचल है ज़रा अलबेली सी है,
खुशबूओं में अगर ढूंढ़ो तो चमेली सी है,
उसको घेरे हुए तो कई लोग हैं मगर,
मेरे बिन तन्हा, बेहद अकेली सी है,
खुशियों में रोती गम में मुस्कुराती है,
थोड़ी उलझी थोड़ी सुलझी पहेली सी है,
उसका दिल भी नरम उसका लहजा भी नरम,
वो मेरे हाथों की बिल्कुल हथेली सी है,
"जामी" एक लड़की बहुत पुर-कशिश थी मगर,
अब वो मेरे दरमियान सूनी हवेली सी है..!