बिछड़ते वक्त पास थे बिल्कुल,
एक दूजे के एहसास थे बिल्कुल,
अब अजनबी हो गए हैं वो भी,
जो मेरे अपने ख़ास थे बिल्कुल,
अब लगाती भी नहीं होंठो से,
पहले उसकी प्यास थे बिल्कुल,
वो अक्सर मुझको पहना करती थी,
जैसे उसका लिबास थे बिल्कुल,
अब जाकर सौ पर्सेंट हुए,
पहले तुम पचास थे बिल्कुल,
सारी बातें झूठी निकली,
सब के सब कयास थे बिल्कुल,
अब समझदार हो गए तुम "जामी",
पहले हुच्चू दास थे बिल्कुल..!