निकम्मा नहीं काम वाला हूं में,
छोटे मोटे से नाम वाला हूं में,
मेरी कीमत नहीं लगा पाओगे तुम,
बड़े बड़े दाम वाला हूं में,
मुझे नशा शराब से नहीं चढ़ता,
तेरे होंठो के जाम वाला हूं में,
वैसे तो मुझे तरबूज़ भी पसंद है,
लेकिन आशिक तो आम वाला हूं में,
तेरे इश्क़ में ऐसे डूबता हूं जामी,
जैसे सूरज शाम वाला हूं में..!