बेताब हूं बहुत तेरी तस्वीर पुरानी के लिए,
तुझे देखना ज़रूरी है मुंह ज़ुबानी के लिए,
किसी का पीछा करना और देर तक जागना,
देखो अच्छा नहीं है ये तुम्हारी जवानी के लिए,
ज़ख्म, दर्द, घुटन, आंसू, और टूटा हुआ दिल,
हर एक शय ज़रूरी है ज़िंदगानी के लिए,
अगर ला हासिल है कुछ, होने दो, ग़म कैसा,
क्या सोग मनाना इस दुनिया-ए-फानी के लिए,
ये हक़ीक़त सामने है की तड़पते हैं दोनो,
पानी प्यासे के लिए और प्यासा पानी के लिए,
जब से बिछड़ा है "जामी" सब अधूरा सा है,
तेरा होना लाज़िम है मुकम्मल कहानी के लिए..!