मुझे शौक है लबों को बन्द रखने का,
खुश रहना हर हाल में, ख्वाहिशे चन्द रखने का।
कोई क्या कहेगा, ये सोचना भी क्यूं,
दिल को धड़कने दो, दिमाग मंद रखने का।
तेरी मर्जी तू आए या ना आए,
सिलसिला जारी रहेगा कदम दर कदम चलने का।
तेरा हुनर तुझे मुबारक, हमें मुफलिसी से प्यार है,
लोग बताये शोहरत अपनी, अपने दरवाज़ा बंद रखने का।
ज़िन्दगी से शिकवा तो है, इंसान हूँ फरिश्ता नहीं,
जिसे करना है माफ करे, अपने दिल तंग रखने का..!
